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9 Feb 2022 · 1 min read

वजीर ए आजम से हमारी दरखास्त …

आप जितना भी दिखा दीजिए उन्हें आईना ,
वोह आपका आईना देखने वाले नहीं ।
वोह चिकने घड़े है लाज शर्म बेच चुके है ,
आपके कटाक्षों से शर्मसार होने वाले नहीं।
छोड़ दीजिए अब आप इन्हें आईना दिखाना,

इनपर अपने कीमती अल्फाज भी ज़ाया मत कीजिए ।
छोड़ दीजिए इनको इनके हाल पर यूं ही ,
आप अपनी रफ्तार में आगे बढ़ते जाइए ।
आपकी कामयाबी के गुबार में दब के रह जायेंगे ,
खुद ही अपनी करनी से ,आप बस देखते जाइए ।

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Comments · 108 Views

Books from ओनिका सेतिया 'अनु '

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