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22 May 2023 · 1 min read

वक्त से गुज़ारिश

हमारी तरह कभी थक क्यों नहीं जाता है तू
ऐ वक्त थोड़ी देर कभी थम क्यों नहीं जाता तू
सुना है लेता है हर किसी के इम्तिहान तू
रुककर कभी कोई इम्तिहान खुद क्यों नहीं देता तू

है एक बात बहुत अच्छी भी तुममें
छोटे बड़े में कोई भेदभाव नहीं करता है तू
हो कोई कितना भी अमीर या करीबी किसी का
फिर भी सबको बराबर समय देता है तू

है मेरी एक ही गुज़ारिश अब तुमसे
थम नहीं सकता तो थोड़ा धीरे चल तू
क्योंकि हर कोई जानता है इतना तो
है आज जैसा, वैसा तो नहीं होगा कल तू

तुमने देखा है बहुत करीब से सबकुछ
जाने कितने राज़ छिपाकर बैठा है तू
तेरी गवाही से तो डरते हैं तानाशाह भी
जब चाहे उन्हें कड़ी सज़ा दे सकता है तू

कभी कोई समझ नहीं पाता तुम्हें
सबसे बराबर दूरी बनाकर रखता है तू
जो कोशिश करता है तुझे समझने की
उसको उतना ज़्यादा उलझा देता है तू

देकर सबको सीख साथ चलने की
क्यों फिर खुद अकेले ही चलता है तू
माना कोई हमेशा साथ नहीं चल सकता तेरे
कुछ दूर तो साथ ले जा सकता है तू

मैंने तो कर ली है एक तरफा दोस्ती तुझसे
बुरा नहीं मानूंगा, मेरे साथ कुछ भी कर ले तू
चलने की कोशिश कर रहा हूं तेरे पीछे पीछे
देखता हूं कब मुड़कर पीछे मुझे देखेगा तू।

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