Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2022 · 1 min read

वक्त वक्त की बात है 🌷🌷

वक्त को बदलने के लिए,
पहले खुद को बदलो ।
जब खुद को बदल लोगो,
तब वक्त भी बदल जाएगा ।।

Language: Hindi
1 Like · 130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सच सच बोलो
सच सच बोलो
सूर्यकांत द्विवेदी
कुंडलिनी छंद ( विश्व पुस्तक दिवस)
कुंडलिनी छंद ( विश्व पुस्तक दिवस)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
🌸Prodigy Love-48🌸
🌸Prodigy Love-48🌸
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पीर पराई
पीर पराई
Satish Srijan
ये मौन अगर.......! ! !
ये मौन अगर.......! ! !
Prakash Chandra
अंध विश्वास - मानवता शर्मसार
अंध विश्वास - मानवता शर्मसार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
श्रीराम का पता
श्रीराम का पता
नन्दलाल सुथार "राही"
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
DrLakshman Jha Parimal
"आत्म-मन्थन"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*वैराग्य (सात दोहे)*
*वैराग्य (सात दोहे)*
Ravi Prakash
इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता।
इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता।
Rj Anand Prajapati
मित्र कौन है??
मित्र कौन है??
Ankita Patel
"यह कैसा दौर?"
Dr. Kishan tandon kranti
2327.पूर्णिका
2327.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उदासी से भरे हैं दिन, कटें करवट बदल रातें।
उदासी से भरे हैं दिन, कटें करवट बदल रातें।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मंजिल के राही
मंजिल के राही
Rahul yadav
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम महकोगे सदा मेरी रूह के साथ,
तुम महकोगे सदा मेरी रूह के साथ,
Shyam Pandey
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
Manisha Manjari
सांप्रदायिक उन्माद
सांप्रदायिक उन्माद
Shekhar Chandra Mitra
■ आज का दोहा...
■ आज का दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
Buddha Prakash
आज समझी है ज़िंदगी हमने
आज समझी है ज़िंदगी हमने
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
मर्चा धान को मिला जीआई टैग
मर्चा धान को मिला जीआई टैग
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
gurudeenverma198
साँवरिया तुम कब आओगे
साँवरिया तुम कब आओगे
Kavita Chouhan
Loading...