Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2022 · 1 min read

वक्त बदलता रहता है

ऐ जिन्दगी तु क्यों रोता है।
आज जो बुरा वक्त आया है
वह कल टल जाएगा।
यह वक्त कहा एक जगह पर
टिक कर रह पाता है।
यह तो मौसम की भाँति
हर समय बदलता रहता है।
जिस तरह मौसम आते है
जाड़ा गर्मी वंसत और बरसात,
उसी तरह यह वक्त भी
जीवन में बदलाव लाता रहता है।
दर्द गम आँसु और खुशी
इसका रूप कहलाता है।
कभी दर्द का बादल बनकर
हम सब के ऊपर छा जाता है।
कभी गम के रूप मे लेकर
हवा के भाँति आगे पीछे लहराता है।
बनकर कभी बारिश वह
आँखो से टपक जाता है।
कभी वंसत के रूप मे
जीवन मे खुशियाँ लाता है।
यह सब है वक्त का मौसम
तु इससे क्यो घबराता है।
हर मौसम का मजा उठाओ
यही जिन्दगी कहलाता है।
वक्त अपने हर मौसम से
हमें कुछ न कुछ सिखाता है।
इसे खेल समझ कर खेलते जाओ
हार -जीत जीवन मे
आता और जाता रहता है।
इससे तुम मत घबराओं
जीवन का हर वक्त गुजर जाता है।

अनामिका

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 2 Comments · 230 Views
You may also like:
अब हम बहुत दूर …
अब हम बहुत दूर …
DrLakshman Jha Parimal
क्या हार जीत समझूँ
क्या हार जीत समझूँ
सूर्यकांत द्विवेदी
काँच के टुकड़े तख़्त-ओ-ताज में जड़े हुए हैं
काँच के टुकड़े तख़्त-ओ-ताज में जड़े हुए हैं
Anis Shah
दिव्यांग भविष्य की नींव
दिव्यांग भविष्य की नींव
Rashmi Sanjay
कोई भी रिश्ता
कोई भी रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
ऐसे हंसते रहो(14 नवम्बर बाल दिवस पर)
ऐसे हंसते रहो(14 नवम्बर बाल दिवस पर)
gurudeenverma198
■ कौशल उन्नयन
■ कौशल उन्नयन
*Author प्रणय प्रभात*
कहां गए वे शायर?
कहां गए वे शायर?
Shekhar Chandra Mitra
कुछ वक्त के लिए
कुछ वक्त के लिए
Surinder blackpen
अँगना में कोसिया भरावेली
अँगना में कोसिया भरावेली
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आंख से आंख मिलाओ तो मजा आता है।
आंख से आंख मिलाओ तो मजा आता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
सुबह -सुबह
सुबह -सुबह
gpoddarmkg
तेरे इश्क़ में
तेरे इश्क़ में
Gouri tiwari
अब रुक जाना कहां है
अब रुक जाना कहां है
कवि दीपक बवेजा
*नीड़ ( कुंडलिया )*
*नीड़ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
नमन माँ गंग !पावन
नमन माँ गंग !पावन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"साजन लगा ना गुलाल"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
एक मुर्गी की दर्द भरी दास्तां
एक मुर्गी की दर्द भरी दास्तां
ओनिका सेतिया 'अनु '
समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य।
समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तेरे दिल में कब आएं हम
तेरे दिल में कब आएं हम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
✍️और शिद्दते बढ़ गयी है...
✍️और शिद्दते बढ़ गयी है...
'अशांत' शेखर
बसेरा उठाते हैं।
बसेरा उठाते हैं।
रोहताश वर्मा मुसाफिर
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
आरुणि की गुरुभक्ति
आरुणि की गुरुभक्ति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
'ताश का पत्ता
'ताश का पत्ता"
पंकज कुमार कर्ण
"बरसात"
Dr. Kishan tandon kranti
महामना मदन मोहन मालवीय
महामना मदन मोहन मालवीय
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...