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6 May 2023 · 1 min read

* वक्त की समुद्र *

* वक्त की समुद्र *

वक्त की समुद्र से,
कुछ पल मेरे लिए हो ।
बस कुछ पल की ही तो जरूरत है,
सारी तकदीर सुनाने को ।
मंजील की सपना में तो नहीं ,
दो पल जरुरी है,
दो पल मुस्कराने को ।

छीन गई सारी चैन,
दिन्दगी की अभिलाषा में ।
कहाँ गए वो देन – लेन ,
इस जमाने की अभिलाषा में ।

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