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30 Mar 2023 · 1 min read

// लो फागुन आई होली आया //

विभिन्न बोलीया मेरे देश मे है ,
फागुन आई होली आया ।

तरंग पानी में जेसे आते हैं ,
गुलाबी रंग को मिलाया जाता है ।।

यू पी हो या फिर गुजरात का डांग हो ,
सभी को भाग पिलाई जाती है ।

अमीर हो या फिर गरीब मजदूर हो ,
यहा भीगी खजूर को खिलाई जाती है ।।

फर्क़ चाहे हो यहा बोली का ,
होलिका जैसे आग में जल गई थीं ।

इदे मिलाद हो या हिंदू त्यौहार हो इस देश में मनाते हैं ,
प्रभु ने भक्त प्रहलाद को जैसे बचाया था ।।

लो फागुन आई होली आया ,
बोली तो भाग से बदल जाती है ।

राधा-कृष्णा की जोड़ी बड़ी प्यारी है
बच्चे- युवा होली खेले खूब दौड़ी दौड़ी ।।

जिस दिशा में ज्वाला जाएगी ,
उस प्रदेश में उजियारा होगा ।

होली मे लकड़ी मत जलाओ ,
पूजा पाठ से होली मनाओ ।।

होली में खाओ मिठाई मेवा
गुलाब जी कहे करो देश की सेवा

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