Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2024 · 1 min read

लोग समझते थे यही

लोग समझते थे यही
मैं तुफानों से डर जाऊँगा
वो मेरे हौंसले से वाकिफ ही नहीं
कौन बतलाए उनको
मेरी फितरत ऐसी भी नहीं
मैने उम्र भर जलजलों से खेल खेले हैं

1 Like · 94 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

अरे कुछ हो न हो पर मुझको कुछ तो बात लगती है
अरे कुछ हो न हो पर मुझको कुछ तो बात लगती है
सत्य कुमार प्रेमी
4804.*पूर्णिका*
4804.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ
माँ
Rituraj shivem verma
सावित्री और सत्यवान
सावित्री और सत्यवान
Meera Thakur
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
Shashi kala vyas
औपचारिक हूं, वास्तविकता नहीं हूं
औपचारिक हूं, वास्तविकता नहीं हूं
Keshav kishor Kumar
*रोते-रोते जा रहे, दुनिया से सब लोग (कुंडलिया)*
*रोते-रोते जा रहे, दुनिया से सब लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गमले में पेंड़
गमले में पेंड़
Mohan Pandey
" ऐ हवा "
Dr. Kishan tandon kranti
दिसम्बर की ठंड़
दिसम्बर की ठंड़
Girija Arora
अब फिक्रमंद नहीं हूँ मैं
अब फिक्रमंद नहीं हूँ मैं
हिमांशु Kulshrestha
If I were the ocean,
If I were the ocean,
पूर्वार्थ
"हिंदी"
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
रहने दें अभी।
रहने दें अभी।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दर्द सहता हज़ार रहता है
दर्द सहता हज़ार रहता है
Dr Archana Gupta
दूर न जा नजरों से
दूर न जा नजरों से
Jyoti Roshni
होलिका दहन कथा
होलिका दहन कथा
विजय कुमार अग्रवाल
पत्थर भी रोता है
पत्थर भी रोता है
Kirtika Namdev
पंचयति
पंचयति
श्रीहर्ष आचार्य
7. Roaming on the Sky
7. Roaming on the Sky
Santosh Khanna (world record holder)
क्षणिका :
क्षणिका :
sushil sarna
sp102 परम पिता ने स्वयं
sp102 परम पिता ने स्वयं
Manoj Shrivastava
*गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)*
*गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)*
Dushyant Kumar
अब नहीं हम आयेंगे
अब नहीं हम आयेंगे
gurudeenverma198
दिलबरी
दिलबरी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तम्बाकू को अलविदा
तम्बाकू को अलविदा
surenderpal vaidya
*नारी*
*नारी*
Dr. Priya Gupta
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
Phool gufran
Loading...