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15 Dec 2022 · 2 min read

“लोगों को अपना अंदाज़ जीने का कुछ तो सीखा जाइए”

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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नये युग में नये यंत्रों ने तो हमारा काया ही पलट डाला ! युगांतकारी कदमों से इन यंत्रों ने हमें खुले आकाश में उड़ने की कला सीखा दिया ! हमें पंख लग गए ! पलक झपकते हम सारे ब्रमाण्ड का भ्रमण कर सकते है ! सूचना प्रसारण के क्षेत्र आलोकिक हो गए ! देश विदेश के समाचारों का दर्शन सचित्र तत्क्षण हो जाते हैं ! संवाद ,संदेश ,वीडियो वार्ता और लिखने की कला में अभूतपूर्व उपलब्धियां प्राप्त हुई है ! मंथर गति ने तीव्र के लिवास को अपना लिया !
नयी पीढ़ियों को इस बदलते परिवेश का आभास भले ना हुआ हो ! पर इस चमकती हुयी दिव्य रोशनी का अनोखा अनुभव उन व्यक्तियों पर विशेष रूप से पड़ा जो मंथर युग के साथ -साथ तीव्र युग को भी इतने करीब से देखा ! वस्तुतः ये बुजुर्गों के लिए अनबूझी पहेली थी ! अधिकाशतः लोग इसे तिरस्कार करते थे ! पर नयी पीढ़ियों ने एक अद्भुत प्रयास किया और बुजुर्गों के शिक्षक बन गए ! इसकी उपयोगिता बुजुर्गों के समझ में आ गई और अधिकाश लोग जुड़ने लगे !
इसकी एक विशेषता को तो हमलोग बिल्कुल अस्वीकार नहीं कर सकते हैं कि जिसने हमें हमसे वर्षों बिछुड़े मित्रों को मिलाया ! उनकी यादें ही अपने मानसपटल पर प्रदीक्षणा करती रहतीं थीं ! अपने गुरुजनों ,बरिष्ठ पदाधिकारिओं और कुछ बचपन के मित्रों के मात्र संस्मरण ही रह जाया करते थे ! और उम्र सारी कट जाती थी पर उनकी यादें ही सिर्फ रह जातीं थीं ! मोबाईल ,लैपटॉप और डेस्क टॉप के पादुर्भाव से कितने बिछुड़े लोग मिल जाते हैं !
भरपूर लोगों के सानिध्य प्राप्त हुए ! श्रेष्ठ ,गुरुओं का आशीष मिलने लगा ! लेखक ,कवि ,कलाकार ,चिकित्सक ,अधिव्यकता,अभिनेता और महान व्यक्तियों का साथ मिलने लगा जो शायद ही कभी संभव होता ! इनलोगों के अतिरिक्त मेरी प्रबल इच्छा थी कि मैं अपने आर्मी मेडिकल कॉर्पस और आर्मी डेंटल कॉर्पस के वेटेरन्स के समकक्ष पहुँच पाऊँ ! और इस यंत्र ने मुझे तथास्तु कहा और मैं लाखों वेटेरन्स से जुड़ने लगा !
यंत्रों ने हमारी जुड़ने की अभिलाषा को पूरा किया ,पर हम अभी भी अपरिपक्व हैं ! किसी से संवाद करने से हम कतराते हैं ! जुड़ने की प्रक्रिया के साथ -साथ मित्रता को अक्षुण बनाए रखना है और यह हमारी शालीनता ,मधुर्यता ,शिष्टाचार और व्यवहार पर ही निर्भर करता है !
“ जिंदगी बहुत छोटी है ,कुछ निशानियाँ तो छोड़ जाइए !”
“लोगों को अपना अंदाज़ जीने का कुछ तो सीखा जाइए !!”
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
15.12.2022.

Language: Hindi
53 Views
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