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2 Feb 2022 · 1 min read

लोक लुभावना बजट

बनाया आपने लोक-लुभावना बजट ,
इससे हमारे अन्न-दाताओं की स्थिति
सुधरे तब मानेंगे ,
वर्ना निकला गर यह भी बेअसर ,
था यह भी ढोल का पोल ,
हम तो भईया ! यही कहेंगे .

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
109 Views

Books from ओनिका सेतिया 'अनु '

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