Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2024 · 1 min read

लेख

सरल और सहज रहिए, जिस काम पर लगे हैं उसमें ही कंसंट्रेट रहिए अनुशासनपूर्वक व निरंतरता के साथ एक ही डायरेक्शन पर चलकर कीर्तिमान हासिल कर सकते हैं। क्योंकि जिस और चल पड़े हैं ….. बहुत संघर्ष है और कहीं परेशानियां व बाधाएं भी आएगी। इन सब परिस्थितियों को पार करके नई ऊर्जा और उत्साह को जगा कर चल पड़ना है बस यही अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा है।
हमेशा सकारात्मक सोचिए क्योंकि व्यक्ति जैसा सोचता है वैसा ही बनता है, इसलिए अपनी सोच सकारात्मकतापूर्ण होनी चाहिए। समय रहते हुए अपने करियर पर ध्यान दीजिए। जिंदगी में अगर कोई कीमती व मूल्यवान चीज है तो वह है समय।
क्षण भर में समय बदल जाता है कोई व्यक्ति अगर समय का सदुपयोग करता है तो निखर जाता है, अगर इसका दुरुपयोग करता है तो बिखर जाता है।
अतः सकारात्मक नजरिया के साथ चल पड़िए,, निर्भयता निडरता के साथ चल पड़िए।
✍️ प्रवीण नोनजीराम सैन
नवापुरा ध्वेचा (जालोर)

Language: Hindi
Tag: लेख
82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अंधेरे से लड़ो मत,
अंधेरे से लड़ो मत,
नेताम आर सी
..
..
*प्रणय*
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
Shweta Soni
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गीतिका
गीतिका
Ashwani Kumar
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
डॉ. दीपक बवेजा
-अपनो से हिचकिचाहट -
-अपनो से हिचकिचाहट -
bharat gehlot
जीवन के किसी भी मोड़ पर
जीवन के किसी भी मोड़ पर
Dr fauzia Naseem shad
कागज़ की आज़ादी
कागज़ की आज़ादी
Shekhar Chandra Mitra
यूं जी भर जी ना पाओगे, ना ही कभी मर पाओगे,
यूं जी भर जी ना पाओगे, ना ही कभी मर पाओगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दोहा पंचक. . . .  अधर
दोहा पंचक. . . . अधर
sushil sarna
*जाते देखो भक्तजन, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*जाते देखो भक्तजन, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
Dushyant Kumar
माँ तुम्हारी गोद में।
माँ तुम्हारी गोद में।
अनुराग दीक्षित
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
देखकर प्यार से मुस्कुराते रहो।
देखकर प्यार से मुस्कुराते रहो।
surenderpal vaidya
लक्ष्य
लक्ष्य
Sanjay ' शून्य'
4768.*पूर्णिका*
4768.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Sadness gives depth. Happiness gives height. Sadness gives r
Sadness gives depth. Happiness gives height. Sadness gives r
पूर्वार्थ
आज की हकीकत
आज की हकीकत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मौन
मौन
अंकित आजाद गुप्ता
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
Phool gufran
चार दिन की जिंदगी
चार दिन की जिंदगी
Karuna Goswami
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मईया रानी
मईया रानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
! विकसित भारत !!
! विकसित भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
"संवेदना"
Dr. Kishan tandon kranti
वासंती बयार
वासंती बयार
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
Loading...