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22 Oct 2022 · 1 min read

लेखनी

सुन ओ लेखनी!
तू मेरी दोस्त..
तू मेरा साहस!
सुख-दुख की साथी..
तू मेरी सजावट!
सपना इकलौता,
तूने साकार किया।
गुमशुदा भावों को,
तुमने आकार दिया।
अंतिम समय तक..
साथ तुम निभाना..
प्रिय लेखनी मुझसे
कुछ यादगार
लिखवा जाना!

रश्मि लहर

Language: Hindi
1 Like · 152 Views
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