Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2024 · 1 min read

लव यू “जॉन”

जॉन होना भी कहाँ आसान है मुद्गल.
इश्क़ के सातवे माकाम की कयावाद जरूरी है..
तुमको तनहाई जकड़े रक्खेगी यूँही मेहफिल मे भी.
खामोश रहकर, हसने का हुनर भी जरूरी है..

मुद्गल

55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"दोचार-आठ दिन की छुट्टी पर गांव आए थे ll
पूर्वार्थ
उसे जाने दो
उसे जाने दो
Shekhar Chandra Mitra
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
Shashi kala vyas
सुबह
सुबह
indravidyavachaaspatitiwari
"हमें छोड़कर बीच में न जाना बाबा"
राकेश चौरसिया
मुक्तक
मुक्तक
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बोलती आंखें🙏
बोलती आंखें🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
VINOD CHAUHAN
सुप्रभात
सुप्रभात
*प्रणय*
sp130 पुरस्कार सम्मान
sp130 पुरस्कार सम्मान
Manoj Shrivastava
मन की पीड़ा क
मन की पीड़ा क
Neeraj Kumar Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
यमुना मैया
यमुना मैया
Shutisha Rajput
ज्योति हाॅस्पिटल
ज्योति हाॅस्पिटल
डॉ.सतगुरु प्रेमी
दिल समझता नहीं दिल की बातें, - डी. के. निवातिया
दिल समझता नहीं दिल की बातें, - डी. के. निवातिया
डी. के. निवातिया
4529.*पूर्णिका*
4529.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आ कान्हा तुझे तिलक लगाऊँ भजन अरविंद भारद्वाज
आ कान्हा तुझे तिलक लगाऊँ भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
हाइकु -सत्य की खोज
हाइकु -सत्य की खोज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चोर साहूकार कोई नहीं
चोर साहूकार कोई नहीं
Dr. Rajeev Jain
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
Shreedhar
मेरे जब से सवाल कम हैं
मेरे जब से सवाल कम हैं
Dr. Mohit Gupta
"शिक्षक दिवस "
Pushpraj Anant
कोई शहर बाकी है
कोई शहर बाकी है
शिवम राव मणि
"सोचता हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Arvind trivedi
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
gurudeenverma198
खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
Manisha Manjari
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Ayushi Verma
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
Loading...