Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

ललकार

सुन, ऐ साथी अख़बार के
कहना जाकर सरकार से
दया नहीं, अधिकार चाहिए
भीख नहीं रोज़गार चाहिए…
(१)
जाति-धर्म के झगड़ों में
भाषा-प्रांत के रगड़ों में
कब तक उलझे रहेंगे हम
झूठ-मुठ के लफड़ों में।
ज़रा ज़ोर से ललकार के
कहना जाकर सरकार से
दया नहीं, अधिकार चाहिए
भीख नहीं, रोजगार चाहिए…
(२)
ना मंदिर-ना मस्जिद
ना गिरजा-ना गुरूद्वारा
चाहिए हमको तीन सामान
रोटी, कपड़ा और मकान।
फटकार के-धिक्कार के
कहना जाकर सरकार से
दया नहीं, अधिकार चाहिए
भीख नहीं, रोज़गार चाहिए…
(३)
मचा ये कैसा हाहाकार
कहीं हत्या-कहीं बलात्कार
बढ़ा जा रहा-दिन पर दिन
देश में कितना-भ्रष्टाचार।
कब मुक्ति मिलेगी अत्याचार से
पूछना जाकर सरकार से
दया नहीं, अधिकार चाहिए
भीख नहीं, रोज़गार चाहिए…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#मीडिया #पत्रकार #बुद्धिजीवी
#लेखक #सिनेमा #टीवी #रेडियो
#पत्रिका #बेरोजगारी #महंगाई
#अपराध #भ्रष्टाचार #हल्लाबोल
#गीतकार #कवि #शायर #विद्रोही
#इंकलाबी #बगावत #क्रांतिकारी

Language: Hindi
Tag: गीत
82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
Anil chobisa
प्यार जैसा ही प्यारा होता है
प्यार जैसा ही प्यारा होता है
Dr fauzia Naseem shad
उन वीर सपूतों को
उन वीर सपूतों को
gurudeenverma198
खाओ जलेबी
खाओ जलेबी
surenderpal vaidya
ठोडे का खेल
ठोडे का खेल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
Dr. Man Mohan Krishna
राशिफल
राशिफल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
✍️किसीको पिघलते देखा है..?✍️
✍️किसीको पिघलते देखा है..?✍️
'अशांत' शेखर
■ आलेख / चर्चा में एक अद्भुत दोहा
■ आलेख / चर्चा में एक अद्भुत दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
विमला महरिया मौज
सच
सच
विशाल शुक्ल
अज्ञात
अज्ञात
Shyam Sundar Subramanian
जब हम छोटे बच्चे थे ।
जब हम छोटे बच्चे थे ।
Saraswati Bajpai
मीठे बोल या मीठा जहर
मीठे बोल या मीठा जहर
विजय कुमार अग्रवाल
किया है तुम्हें कितना याद ?
किया है तुम्हें कितना याद ?
The_dk_poetry
💐अज्ञात के प्रति-102💐
💐अज्ञात के प्रति-102💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मत सता गरीब को वो गरीबी पर रो देगा।
मत सता गरीब को वो गरीबी पर रो देगा।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शायर अपनी महबूबा से
शायर अपनी महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
" लक्ष्य सिर्फ परमात्मा ही हैं। "
Aryan Raj
उदासी एक ऐसा जहर है,
उदासी एक ऐसा जहर है,
लक्ष्मी सिंह
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
Ab maine likhna band kar diya h,
Ab maine likhna band kar diya h,
Sakshi Tripathi
वफ़ा ना निभाई।
वफ़ा ना निभाई।
Taj Mohammad
" बेदर्द ज़माना "
Chunnu Lal Gupta
Pyari dosti
Pyari dosti
Samar babu
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
Buddha Prakash
सलामत् रहे ....
सलामत् रहे ....
shabina. Naaz
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
डॉक्टर कर्ण सिंह से एक मुलाकात
डॉक्टर कर्ण सिंह से एक मुलाकात
Ravi Prakash
Loading...