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24 Nov 2022 · 1 min read

“ललकारती चीख”

“ललकारती चीख”

रंक और राजा सब चिल्ला रहे

नया अद्भूत जमाना आ गया

मीनू कहे बेटी आज ज्यादा सहमी

यह जमाना नर तुझे क्यों मन भाया ?

सुरक्षा नहीं स्कूल, मन्दिर, अस्पताल में

रोड़, ऑफिस में भी भेडियों सा साया

सपने में भी सुनें ललकारती चीखें

घर का वातावरण भी भरमाया,

डरी सी बेटी रब सम्मुख गिड़गिड़ाये

क्यों इस नये युग से मिलवाया ?

विचित्र नजरें दिखें आज मशीनों की भी

भूखे नर ने बच्चियों को शिकार बनाया,

घूम रहे सब भयभीत से होकर

कैसा ये स्वार्थी जमाना आया ?

मुस्कान चेहरों पर नहीं बेटियों के

ना ही नर रिश्तों को निभा पाया।

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 52 Views

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