Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2023 · 1 min read

लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,

लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
बेफ़िक्र, अब चीखों को भी सन्नाटा कह देते हैं ।

@ नील पदम्

5 Likes · 130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
View all
You may also like:
प्रीति के दोहे, भाग-2
प्रीति के दोहे, भाग-2
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हम अक्षम हो सकते हैं
हम अक्षम हो सकते हैं
*Author प्रणय प्रभात*
वाणी वंदना
वाणी वंदना
Dr Archana Gupta
दिल लगाएं भगवान में
दिल लगाएं भगवान में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
“कलम”
“कलम”
Gaurav Sharma
जुल्म
जुल्म
AMRESH KUMAR VERMA
गठबंधन INDIA
गठबंधन INDIA
Bodhisatva kastooriya
इश्क का भी आज़ार होता है।
इश्क का भी आज़ार होता है।
सत्य कुमार प्रेमी
हौसला क़ायम रहे
हौसला क़ायम रहे
Shekhar Chandra Mitra
अजी मोहब्बत है।
अजी मोहब्बत है।
Taj Mohammad
*उजाले से लड़ा‌ई में अॅंधेरा हार जाता है (मुक्तक)*
*उजाले से लड़ा‌ई में अॅंधेरा हार जाता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
खामोशियां मेरी आवाज है,
खामोशियां मेरी आवाज है,
Stuti tiwari
Writing Challenge- बाल (Hair)
Writing Challenge- बाल (Hair)
Sahityapedia
हौसला जिद पर अड़ा है
हौसला जिद पर अड़ा है
कवि दीपक बवेजा
चम्पा पुष्प से भ्रमर क्यों दूर रहता है
चम्पा पुष्प से भ्रमर क्यों दूर रहता है
Subhash Singhai
पराये सपने!
पराये सपने!
Saransh Singh 'Priyam'
जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की।
जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नोटबंदी ने खुश कर दिया
नोटबंदी ने खुश कर दिया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सच सच बोलो
सच सच बोलो
सूर्यकांत द्विवेदी
बोली समझी जा रही
बोली समझी जा रही
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
2275.
2275.
Dr.Khedu Bharti
शक्कर की माटी
शक्कर की माटी
विजय कुमार नामदेव
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
थोड़ी सी कसक
थोड़ी सी कसक
Dr fauzia Naseem shad
बारिश की बूंदें
बारिश की बूंदें
Surinder blackpen
"कहाँ ठिकाना होगा?"
Dr. Kishan tandon kranti
समुन्दर-सा फासला है तेरे मेरे दरमियाँ,
समुन्दर-सा फासला है तेरे मेरे दरमियाँ,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
✍️जब रिक्त हथेलियाँ...
✍️जब रिक्त हथेलियाँ...
'अशांत' शेखर
ये आज़ादी होती है क्या
ये आज़ादी होती है क्या
Paras Nath Jha
💐अज्ञात के प्रति-130💐
💐अज्ञात के प्रति-130💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...