लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,

लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
कयामत कही से चली आ रह।
….. खुदा के लिए अपनी नजरों को रोको मोहतरमा,,
दिल की दुनिया लूटी जा रही…….।।।।
विशाल बाबू
लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
कयामत कही से चली आ रह।
….. खुदा के लिए अपनी नजरों को रोको मोहतरमा,,
दिल की दुनिया लूटी जा रही…….।।।।
विशाल बाबू