Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2024 · 1 min read

लफ्ज़ भूल जाते हैं…..

लफ्ज़ भूल जाते हैं…..
ख़ुद की कही बात भूल जाते हैं..
किस क़दर झूठा हँसते हैं..
गम मे पगे हालात भूल जाते हैं
इतना कुछ समेट रखा है
दिल ने अपने भीतर …,
हम… कभी कभी
अपने ही जज़्बात भूल जाते हैं!!

हिमांशु Kulshrestha

60 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙅इत्ता सा अंतर🙅
🙅इत्ता सा अंतर🙅
*प्रणय प्रभात*
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
Sunita
इन झील सी गहरी आंखों ने
इन झील सी गहरी आंखों ने
Indu Singh
-  मिलकर उससे
- मिलकर उससे
Seema gupta,Alwar
खुदा की हर बात सही
खुदा की हर बात सही
Harminder Kaur
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
Rj Anand Prajapati
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सब से गंदे चुस्त चालाक साइबर चोर हैँ
सब से गंदे चुस्त चालाक साइबर चोर हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कभी-कभी आते जीवन में...
कभी-कभी आते जीवन में...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भूमि दिवस
भूमि दिवस
SATPAL CHAUHAN
कलेवा
कलेवा
Satish Srijan
*कुल मिलाकर आदमी मजदूर है*
*कुल मिलाकर आदमी मजदूर है*
sudhir kumar
3287.*पूर्णिका*
3287.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर सांस का कर्ज़ बस
हर सांस का कर्ज़ बस
Dr fauzia Naseem shad
मेघों का मेला लगा,
मेघों का मेला लगा,
sushil sarna
मोबाइल का यूज कम करो
मोबाइल का यूज कम करो
Dhirendra Singh
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
Basant Bhagawan Roy
दर परत दर रिश्तों में घुलती कड़वाहट
दर परत दर रिश्तों में घुलती कड़वाहट
Mamta Rani
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
कवि रमेशराज
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
भरत कुमार सोलंकी
वक़्त और नसीब
वक़्त और नसीब
gurudeenverma198
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
Dr Archana Gupta
If you want to be in my life, I have to give you two news...
If you want to be in my life, I have to give you two news...
पूर्वार्थ
राम-वन्दना
राम-वन्दना
विजय कुमार नामदेव
जीवनाचे वास्तव
जीवनाचे वास्तव
Otteri Selvakumar
दिया है नसीब
दिया है नसीब
Santosh Shrivastava
Loading...