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2 Mar 2023 · 1 min read

लटक गयी डालियां

आज फिर
लटक गयी डालियां
पेड़ों की,
बारिश रिमझिम हो रही
सुबह से।
हवा चल रही सीरी – सीरी
बढ़ा रही ठंडक
ताकि ओढ़ लें
कंबल लोग सारे
अंगीठी में
ताप लें,
भाप लें
ऊष्मा जलते चूल्हे की
अभी।

~ अशोक बाबू माहौर

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