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29 May 2023 · 1 min read

लटकते ताले

बहुत कुछ कहते हैं,
घर के बाहर लटके ताले,
घर के बाहर लगी स्लिप,
मालिक घर पर नहीं है,
किराये हेतु खाली है,
बिकाऊ है घर,
झगड़े का है घर,
नीलामी होने वाली है,
और भी अनन्त संभावनाएँ,
बयां करते हैं,
घर के बाहर लटके ताले,
घर के बाहर लगी स्लिप।

वैसे आजकल नहीं रही,
ताले लटकाने की परंपरा,
दरवाजों में फिट ताले,
दीवारों में लगी डोरबैल,
बजकर खामोश होते हुए,
बयां करती है कहानी,
घर के सूनेपन की।

नहीं दिखाई देते अब,
घर के बाहर लटके ताले !!

रचनाकार :- कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- १३/०६/२०२२.

Language: Hindi
2 Likes · 451 Views
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