Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2023 · 1 min read

*लक्ष्य (कुंडलिया)*

*लक्ष्य (कुंडलिया)*
__________________________________
रखते हैं जो हौसला , जिनमें है उत्साह
मंजिल पाने की जिन्हें , रहती गहरी चाह
रहती गहरी चाह , भले अंधड़ सौ छाते
उड़ – उड़ जाते पेड़ , ज्वार सागर में आते
कहते रवि कविराय ,सफलता वह जन चखते
चले सदा अविराम , लक्ष्य पर नजरें रखते
___________________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
_____________________________
अंधड़ = ऐसी आँधी जिससे वातावरण में अँधेरा और धूल छा जाए

30 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Satish Srijan
तरस रहा हर काश्तकार
तरस रहा हर काश्तकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अंधभक्ति
अंधभक्ति
मनोज कर्ण
*बहस का अर्थ केवल यह, बहस करिए विचारों से  【मुक्तक】*
*बहस का अर्थ केवल यह, बहस करिए विचारों से 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
गौतम बुद्ध रूप में इंसान ।
गौतम बुद्ध रूप में इंसान ।
Buddha Prakash
जंगल के राजा
जंगल के राजा
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
1 jan 2023
1 jan 2023
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पापा की गुड़िया
पापा की गुड़िया
डॉ प्रवीण ठाकुर
गंगा का फ़ोन
गंगा का फ़ोन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरी माँ तू प्यारी माँ
मेरी माँ तू प्यारी माँ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
श्री कृष्णा
श्री कृष्णा
Surinder blackpen
इंसान जीवन क़ो अच्छी तरह जीने के लिए पूरी उम्र मेहनत में गुजा
इंसान जीवन क़ो अच्छी तरह जीने के लिए पूरी उम्र मेहनत में गुजा
अभिनव अदम्य
हाइकु
हाइकु
Prakash Chandra
हर कोई जिन्दगी में अब्बल होने की होड़ में भाग रहा है
हर कोई जिन्दगी में अब्बल होने की होड़ में भाग रहा है
कवि दीपक बवेजा
आदमी की गाथा
आदमी की गाथा
कृष्ण मलिक अम्बाला
Mahadav, mera WhatsApp number save kar lijiye,
Mahadav, mera WhatsApp number save kar lijiye,
Ankita Patel
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
Pakhi Jain
श्रृंगारपरक दोहे
श्रृंगारपरक दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"यादों के बस्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क बाल औ कंघी
इश्क बाल औ कंघी
Sandeep Pande
■ देसी ग़ज़ल...
■ देसी ग़ज़ल...
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-280💐
💐प्रेम कौतुक-280💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ऐ नौजवानों!
ऐ नौजवानों!
Shekhar Chandra Mitra
जो गलत उसको गलत कहना पड़ेगा ।
जो गलत उसको गलत कहना पड़ेगा ।
Arvind trivedi
कोई फाक़ो से मर गया होगा
कोई फाक़ो से मर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
कुछ नहीं.......!
कुछ नहीं.......!
विमला महरिया मौज
वजीर
वजीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
THOUGHT
THOUGHT
Jyoti Khari
⚘️🌾Movement my botany⚘️🌾
⚘️🌾Movement my botany⚘️🌾
Ms.Ankit Halke jha
Loading...