Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2023 · 1 min read

रोते घर के चार जन , हँसते हैं जन चार (कुंडलिया)

रोते घर के चार जन , हँसते हैं जन चार (कुंडलिया)
—————————————————–
रोते घर के चार जन , हँसते हैं जन चार
बाकी वह जो पाँचवा ,सिर्फ लोक-व्यवहार
सिर्फ लोक-व्यवहार ,मरण-शादी सब धोखा
अपनापन भ्रम-जाल , रंग-लेपन बस चोखा
कहते रवि कविराय , कौन अपने हैं होते
खुशियों में खुश कौन , दुखों में झूठे रोते

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
shabina. Naaz
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
एक दिन
एक दिन
Ranjana Verma
जिन्दगी के रंग
जिन्दगी के रंग
Santosh Shrivastava
रास रचिय्या श्रीधर गोपाला।
रास रचिय्या श्रीधर गोपाला।
Taj Mohammad
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
इश्क में खुद को ही बीमार किया है तुमने।
इश्क में खुद को ही बीमार किया है तुमने।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
मेरी माँ......
मेरी माँ......
Awadhesh Kumar Singh
एक बार फिर ।
एक बार फिर ।
Dhriti Mishra
मार्शल आर्ट
मार्शल आर्ट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इतना शौक मत रखो इन इश्क़ की गलियों से
इतना शौक मत रखो इन इश्क़ की गलियों से
Krishan Singh
// बेटी //
// बेटी //
Surya Barman
2497.पूर्णिका
2497.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
✍️मुतअस्सिर✍️
✍️मुतअस्सिर✍️
'अशांत' शेखर
सबकी खैर हो
सबकी खैर हो
Shekhar Chandra Mitra
धार्मिक नहीं इंसान बनों
धार्मिक नहीं इंसान बनों
Dr fauzia Naseem shad
माफ़ कर दो दीवाने को
माफ़ कर दो दीवाने को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरी सिरजनहार
मेरी सिरजनहार
कुमार अविनाश केसर
उम्मीद
उम्मीद
Paras Nath Jha
पानी के लिए लड़ेगी दुनिया, नहीं मिलेगा चुल्लू भर
पानी के लिए लड़ेगी दुनिया, नहीं मिलेगा चुल्लू भर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वो महक उठे ---------------
वो महक उठे ---------------
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
*नजर बदलो नजरिए को, बदलने की जरूरत है (मुक्तक)*
*नजर बदलो नजरिए को, बदलने की जरूरत है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
bhandari lokesh
करिए विचार
करिए विचार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
भ्रांति पथ
भ्रांति पथ
नवीन जोशी 'नवल'
प्रेम कविता
प्रेम कविता
Rashmi Sanjay
जब भी देखा है दूर से देखा
जब भी देखा है दूर से देखा
Anis Shah
😢शर्मनाक दोगलापन😢
😢शर्मनाक दोगलापन😢
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...