Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2022 · 1 min read

रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना

रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
एस.टी.,जी.एस.टी., रोड टैक्स,बीमा
रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
रजिस्ट्रेशन फिटनेस, प्रदूषण का नियमा
रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
एडवांस पार्किंग शुल्क, टोल टैक्स हे मां
रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
मंहगा प़ैटौल तेल, धन्य आपकी महिमा
रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
पुलिस के वैरीकेट, ट्रैफिक अति धीमा
बात बात पर चालान, निकालता पसीना
रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
बैंक की किस्त, और त्योहार का महीना
रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
सर्विस और मेंन्टीनेंस, मुश्किल है जीना
नापतोल में मार रहा,फुला रहा सीना
सारे निकाल रहे, आदमी का कीमा
रे बाबा कितना मुश्किल है गाड़ी चलाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 2 Comments · 326 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी

You may also like:
फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
Ram Krishan Rastogi
तितली थी मैं
तितली थी मैं
Saraswati Bajpai
मुझको कुर्सी तक पहुंचा दे
मुझको कुर्सी तक पहुंचा दे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रामचरितमानस (मुक्तक)
रामचरितमानस (मुक्तक)
नीरज कुमार ' सरल'
💐प्रेम कौतुक-238💐
💐प्रेम कौतुक-238💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"एक नाविक सा"
Dr. Kishan tandon kranti
भाव - श्रृँखला
भाव - श्रृँखला
Shyam Sundar Subramanian
श्री महेंद्र प्रसाद गुप्त जी (हिंदी गजल/गीतिका)
श्री महेंद्र प्रसाद गुप्त जी (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
फरिश्तों या ख़ुदा तुमको,
फरिश्तों या ख़ुदा तुमको,
Satish Srijan
कि हम हुआ करते थे इश्क वालों के वाक़िल कभी,
कि हम हुआ करते थे इश्क वालों के वाक़िल कभी,
Vishal babu (vishu)
नेता (Leader)
नेता (Leader)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
Shashi kala vyas
मैं पिता हूं।
मैं पिता हूं।
Taj Mohammad
हमारा फ़र्ज
हमारा फ़र्ज
Rajni kapoor
धड़कन धड़कन ( गीत )
धड़कन धड़कन ( गीत )
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सच सच बोलो
सच सच बोलो
सूर्यकांत द्विवेदी
'धोखा'
'धोखा'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
In the end
In the end
Vandana maurya
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नई दिल्ली
नई दिल्ली
Dr. Girish Chandra Agarwal
चलो हमसफर यादों के शहर में
चलो हमसफर यादों के शहर में
गनेश रॉय " रावण "
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
yuvraj gautam
इन टिमटिमाते तारों का भी अपना एक वजूद होता है
इन टिमटिमाते तारों का भी अपना एक वजूद होता है
ruby kumari
शब्द गले में रहे अटकते, लब हिलते रहे।
शब्द गले में रहे अटकते, लब हिलते रहे।
विमला महरिया मौज
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
वक्त का इंतजार करो मेरे भाई
वक्त का इंतजार करो मेरे भाई
Yash mehra
हमारे दौर में
हमारे दौर में
*Author प्रणय प्रभात*
खुद को मूर्ख बनाते हैं हम
खुद को मूर्ख बनाते हैं हम
Surinder blackpen
कभी कम नहीं हो यह नूर
कभी कम नहीं हो यह नूर
gurudeenverma198
हौसला-1
हौसला-1
डॉ. शिव लहरी
Loading...