रुलाई
पता नही यह ग़ज़ल है या कि रूबाई!
शब्दो मे बँधी है,केवल मेरी ही रुलाई!!
न मै छंद जानू.न जानू क्या कवित्त है?
क्यो लोग दे रहे, कवि होने की बधाई?
शब्द विन्यास सफल रहे,है यह प्रयास!
न मात्राओ का ग्यान,नदे कुछ सुझाई!!
आनंद अथवा वेदना का स्वर सुनकर,
लिख दिया वही,जो अंतस को रिझाई!!