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24 Jul 2022 · 1 min read

रुक्सत रुक्सत बदल गयी तू

रुक्सत रुक्सत बदल गयी तू
फ़ितरत फ़ितरत नई लगे क्यू
ज़रूरत ज़रूरत लगे है तेरी यू

हसरत हसरत रूप सुहाना
रहमत रहमत लगे फ़साना
कहरत कहरत ढाती है तू क्यू

पाग़ल पाग़ल हुआ ज़माना
देख़ा जिसने उसने माना
फुरसत फ़ुरसत है न हमको भी

परी परी सी लगती है क्यू
या आसमान से उतरी है तू
उड़ती उड़ती रहती है तू क्यू

कतिल कतिल बातें तेरी
ज़हर ज़हर से नैन फ़रेबी
बारिश बारिश लगती है तू क्यू

इश्क़ इश्क़ तुमसे हू करता
कहने से हूं अब मैं डरता
इल्म इल्म न तुमको है ये क्यू

सपनें सपनें जो देखें मैंने
बिखरे बिखरें हुऐ सबरे
टूट टूट सा गया हूं अब मैं यू

2 Likes · 2 Comments · 167 Views
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