Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2022 · 1 min read

रिश्तो मे गलतफ़हमी

रिश्तो मे जरा सी गलतफ़हमी क्या आई
दिलो का फ़ासला बढ गया
थी चंद शिकायते जो
बढ़ते -बढ़ते पहाड़ बन गया
जो सुलझ सकता था चंद बातो से
वह अब बड़ा सा खाई बन गया
गलतफहमी को देखो
कितना जल्दी अपना
तरक्की हासिल कर लिया।

~अनामिका

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संविधान का शासन भारत मानवता की टोली हो।
संविधान का शासन भारत मानवता की टोली हो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
राम
राम
umesh mehra
दूरदर्शिता~
दूरदर्शिता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
*सजा- ए – मोहब्बत *
*सजा- ए – मोहब्बत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
Khem Kiran Saini
शांति युद्ध
शांति युद्ध
Dr.Priya Soni Khare
■ सनद रहे....
■ सनद रहे....
*Author प्रणय प्रभात*
भूखे भेड़िये हैं वो,
भूखे भेड़िये हैं वो,
Maroof aalam
क़ीमत नहीं होती
क़ीमत नहीं होती
Dr fauzia Naseem shad
स्वयं को तुम सम्मान दो
स्वयं को तुम सम्मान दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खूबसूरती
खूबसूरती
RAKESH RAKESH
"राखी के धागे"
Ekta chitrangini
बड़ी ठोकरो के बाद संभले हैं साहिब
बड़ी ठोकरो के बाद संभले हैं साहिब
Jay Dewangan
💐 Prodigi Love-47💐
💐 Prodigi Love-47💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ले बुद्धों से ज्ञान
ले बुद्धों से ज्ञान
Shekhar Chandra Mitra
थोड़ी होश
थोड़ी होश
Dr. Rajiv
सामने मेहबूब हो और हम अपनी हद में रहे,
सामने मेहबूब हो और हम अपनी हद में रहे,
Vishal babu (vishu)
"तब्दीली"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इश्क बाल औ कंघी
इश्क बाल औ कंघी
Sandeep Pande
रौशनी अकूत अंदर,
रौशनी अकूत अंदर,
Satish Srijan
रक्तिम- इतिहास
रक्तिम- इतिहास
शायर देव मेहरानियां
माँ के सपने
माँ के सपने
Rajdeep Singh Inda
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
"दीपावाली का फटाका" कहानी लेखक: राधाकिसन मूंदड़ा, सूरत, गुजरात।
Radhakishan Mundhra
"जलेबी"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझको शिकायत है
मुझको शिकायत है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...