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24 Mar 2023 · 1 min read

रिश्ते-नाते स्वार्थ के,

रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
आज बने बाज़ार
पैसा ही ईमान है,
बाक़ी सब बेकार

–महावीर उत्तरांचली

1 Like · 89 Views
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Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali

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