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25 Mar 2023 · 1 min read

रिश्ते (एक अहसास)

कितने रंग दिखाएं रिश्ते।
कुछ अटके कुछ भूलेभटके।।
सुलझे कुछ अनसुलझे रिश्ते।
बिखरें तो आंखों को बरसाए।।
सुलझे तो मन को हरसाएं।
शंका से दिल टूटा करता।।
विश्वास इन्हे है जोड़े रखता।
बनते रोज बिगड़ते रिश्ते।।
मां का लाड पिता की डांटें।
भाई से झगड़ा बहिन से बातें।।
चाचा ताऊ सबसे प्यारे।।
दादा दादी सबसे न्यारे।
कुटुम्ब को जोड़े रखते रिश्ते।
मित्र ही सच्चा पथ दिखलाता।।
कितने प्रश्नों को सुलझाता ।
बहुएं घर में घुलमिल जाती।।
गैरो में अपनी बन जाती।
आंगन में मुस्काते रिश्ते।।
कहां रही रिश्तों की डोरी।
कहां से मन में कटुता आ घेरी।।
इक घर में हैं कितने चूल्हे।
घर की मर्यादा सब भूले।।
घर में कितने टूटे रिश्ते।
रिश्तों की है छांव घनेरी।।
हम सबकी ना तेरी मेरी।
देते दुःख में हमें सहारा।।
रिश्तों का बंधन है प्यारा।
प्रेम की डोर से बंधते रिश्ते।।
कितने खेल दिखाते रिश्ते।
उमेश मेहरा
गाडरवारा (एम पी)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 264 Views
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