Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2022 · 1 min read

राह के कांटे हटाते ही रहें।

गज़ल

2122……..2122……..212
राह के कांटे हटाते ही रहें।
गम में भी सब मुस्कुराते ही रहें।

गम या कोई भी खुशी हो दोस्तो,
कंधे से कंधा मिलाते ही रहें।

गर किनारा चाहिए सुन लो मियां,
आप कश्ती को चलाते ही रहें।

अपने अंदर झांकिए यारो कभी,
खुद से खुद को भी मिलाते ही रहें।

लालची इंसान इतना हो चुका,
चाहता है बस कमाते ही रहें।

शायरी का जोश कुछ ऐसा चढ़ा,
महफिलों में बस सुनाते ही रहें।

जिंदगी में ऐसा कुछ प्रेमी करो,
प्रेम हम दुनियां से पाते ही रहें।

……..✍️ प्रेमी

Language: Hindi
119 Views
You may also like:
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
सफ़र
सफ़र
Er.Navaneet R Shandily
तुमको पाकर जानें हम अधूरे क्यों हैं
तुमको पाकर जानें हम अधूरे क्यों हैं
VINOD KUMAR CHAUHAN
Li Be B
Li Be B
Ankita Patel
💐Prodigy Love-46💐
💐Prodigy Love-46💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
কিছু ভালবাসার গল্প অমর হয়ে রয়
কিছু ভালবাসার গল্প অমর হয়ে রয়
Sakhawat Jisan
औरन को परखन चले, खुद की चिंता भूल।
औरन को परखन चले, खुद की चिंता भूल।
श्याम सरीखे
✍️हौसले भी कहाँ कम मिलते है
✍️हौसले भी कहाँ कम मिलते है
'अशांत' शेखर
आस्तीक भाग -नौ
आस्तीक भाग -नौ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Advice
Advice
Shyam Sundar Subramanian
बाहों में तेरे
बाहों में तेरे
Ashish Kumar
*राजनीति में दल बदलू की प्रजाति (हास्य व्यंग्य)*
*राजनीति में दल बदलू की प्रजाति (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मैं जा रहा हूँ साथ तेरा छोड़कर
मैं जा रहा हूँ साथ तेरा छोड़कर
gurudeenverma198
पिता का पता
पिता का पता
श्री रमण 'श्रीपद्'
घोर अंधेरा ................
घोर अंधेरा ................
Kavita Chouhan
इस ज़िंदगी में।
इस ज़िंदगी में।
Taj Mohammad
"ज़िंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक़ जीया करते...
Mukul Koushik
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh...
Sakshi Tripathi
टुलिया........... (कहानी)
टुलिया........... (कहानी)
लालबहादुर चौरसिया 'लाल'
रक्षाबंधन गीत
रक्षाबंधन गीत
Dr Archana Gupta
मैंने  देखा  ख्वाब में  दूर  से  एक  चांद  निकलता  हुआ
मैंने देखा ख्वाब में दूर से एक चांद निकलता हुआ
shabina. Naaz
रोज डे पर रोज देकर बदले में रोज लेता है,
रोज डे पर रोज देकर बदले में रोज लेता है,
डी. के. निवातिया
मुश्किल है बहुत
मुश्किल है बहुत
Dr fauzia Naseem shad
तीर तुक्के
तीर तुक्के
सूर्यकांत द्विवेदी
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"ऐनक मित्र"
Dr Meenu Poonia
■ नमन, वंदन, अभिनंदन
■ नमन, वंदन, अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
हवाएं रुख में आ जाएं टीलो को गुमशुदा कर देती हैं
हवाएं रुख में आ जाएं टीलो को गुमशुदा कर देती...
कवि दीपक बवेजा
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
Loading...