Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।

राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
अंधियारे ख्वाबों की ताबीर बदल सकती है ।
जब भी उठेंगे ये हाथ दुआओं के लिए मेरे मौला ।
तो दुआऐ भी एक दिन तक़दीर बदल सकती है ।।
Phool gufran

173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हौसला न हर हिम्मत से काम ले
हौसला न हर हिम्मत से काम ले
Dr. Shakreen Sageer
खास हो तुम ।।
खास हो तुम ।।
Ankita Patel
Migraine Treatment- A Holistic Approach
Migraine Treatment- A Holistic Approach
Shyam Sundar Subramanian
मैं अक्सर शायरी लिखता हूँ
मैं अक्सर शायरी लिखता हूँ
शिव प्रताप लोधी
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
gurudeenverma198
क्या श्रीमद्भगवद्गीता में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है? (Is there a solution to all the problems in Srimad Bhagavad Gita?)
क्या श्रीमद्भगवद्गीता में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है? (Is there a solution to all the problems in Srimad Bhagavad Gita?)
Acharya Shilak Ram
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
वो अपना लगने लगा
वो अपना लगने लगा
Sudhir srivastava
" फोबिया "
Dr. Kishan tandon kranti
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
गंगा
गंगा
लक्ष्मी सिंह
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
बस देखने का नजरिया है,
बस देखने का नजरिया है,
Aarti sirsat
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
keotaixiu789 com
*ध्यान लगाते सिद्ध जन, जाते तन के पार (कुंडलिया)*
*ध्यान लगाते सिद्ध जन, जाते तन के पार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फर्श पे गिर के  बिखर पड़े हैं,
फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं,
हिमांशु Kulshrestha
मुक्तक
मुक्तक
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
😊एक दुआ😊
😊एक दुआ😊
*प्रणय*
4271.💐 *पूर्णिका* 💐
4271.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#सुमिरन
#सुमिरन
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
भारत माँ के वीर सपूत
भारत माँ के वीर सपूत
Kanchan Khanna
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
पूर्वार्थ
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अलिकुल की गुंजार से,
अलिकुल की गुंजार से,
sushil sarna
तुम्हारा घर से चला जाना
तुम्हारा घर से चला जाना
Dheerja Sharma
उसे तो आता है
उसे तो आता है
Manju sagar
आज का युवा
आज का युवा
Madhuri mahakash
Loading...