रास नहीं आती ये सर्द हवाएं

रास नहीं आती ये सर्द हवाएं
सूरज को भी कल निकालेंगे
जिसके आगे रास्ता धुंधला है
उस मुश्किल का हल निकालेंगे
कवि दीपक सरल
रास नहीं आती ये सर्द हवाएं
सूरज को भी कल निकालेंगे
जिसके आगे रास्ता धुंधला है
उस मुश्किल का हल निकालेंगे
कवि दीपक सरल