रावण पुतला दहन और वह शिशु

दशहरे के दिन मैदान में भीड़ लगा था
रावण का पुतला भीड़ देखकर हँस रहा था।
कुछ ही समय में रावण दहन शुरू हुआ
तीव्र स्वर में पटाखे की आवाज भी हुँकार भर रहा था।
वहीं पास में शिशु अस्पताल भी है
पटाखे की आवाज सुन कर तुरंत के जन्म लिए शिशु के कान में वह आवाज गूँज रहा था
वह शिशु भी पटाखे की आवाज सुन कर डर रहा था।
वह शिशु भगवान राम से प्रार्थना कर रहा था
हे भगवान् श्रीराम जी यह कैसी ध्वनि है?
यह क्या हो रहा है?
मुझे इस ध्वनि से डर लग रहा है
इस ध्वनि को शाँत कीजिए
हे भगवान् आप मेरी रक्षा कीजिए।
वह शिशु फिर से भगवान से कह रहा है
अभी तो दीपावली समीप है
दीपावली तो दीपो का पर्व है
हे राम जी सभी जन दीपावली में दीप जलाएँ
यूँ इस तरह पटाखे जलाकर शोर न मचाएँ।
मेरे जैसे नवजात शिशु
दिल के मरीजों पर तरस खाएँ
साथ-साथ
उन पशु-पक्षियों के मन में डर न लाएँ
दीपावली का पर्व शान्तिपूर्वक मनाएँ।
राकेश कुमार राठौर
चाम्पा (छत्तीसगढ़)