रात के अंधेरे के निकलते ही मशहूर हो जाऊंगा मैं,

रात के अंधेरे के निकलते ही मशहूर हो जाऊंगा मैं,
थोड़ा सा डूब जाने दे तुझमें फिर दूर हो जाऊंगा मैं ,
ना निकाल दिल से मुझको इस तरह बीच सफर में,
फिर नहीं मिलूंगा तुझको कोहिनूर हो जाऊंगा मैं !!
कवि दीपक सरल