रातो ने मुझे बहुत ही वीरान किया है

रातो ने मुझे बहुत ही वीरान किया है
सूरज की रोशनी दिन महका जाएगी
कई रूह महक उठेंगी मुझसे मिलकर
मेरे किरदार से खुशबू जब भी आएगी
✍कवि दीपक सरल
रातो ने मुझे बहुत ही वीरान किया है
सूरज की रोशनी दिन महका जाएगी
कई रूह महक उठेंगी मुझसे मिलकर
मेरे किरदार से खुशबू जब भी आएगी
✍कवि दीपक सरल