Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2016 · 1 min read

राजयोग महागीता:: तृष्णा, स्वार्थ, वासनाएँ, दम्भ( पो८)

राजयोग महागीता:: घनाक्षरी: गुरनक्तानुभव ( अध्याय१)
तृष्णा, स्वार्थ- वासनाएँ, दम्भ , द्वेष, छल जैसे,
विषयों को विष की भाँति त्याग , सद्कार्य है ।
दैहिक , सांसारिक, कामनाओं , अहंकार का ,
ऐसी संकीर्णता का त्याग अपरिहार्य है ।
क्षमा, दया, सत्य– रस उदारता , संतोष का
अमृत की भाँति पान करना स्वीकार्य है ।
यही वीतरागता का , महाशांति प्राप्ति का भी
मोक्ष प्राप्ति का उपाय यही अनिवार्य है ।।अध्याय १ :३!!
-;——– जितेन्द्र कमल आनंद

Language: Hindi
159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दिल में है जो बात
दिल में है जो बात
Surinder blackpen
नजर लगी हा चाँद को, फीकी पड़ी उजास।
नजर लगी हा चाँद को, फीकी पड़ी उजास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
#रोचक_तथ्य
#रोचक_तथ्य
*Author प्रणय प्रभात*
2487.पूर्णिका
2487.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
होगा कौन वहाँ कल को
होगा कौन वहाँ कल को
gurudeenverma198
" मेरी तरह "
Aarti sirsat
चिढ़ है उन्हें
चिढ़ है उन्हें
Shekhar Chandra Mitra
✍️पुरानी रसोई✍️
✍️पुरानी रसोई✍️
'अशांत' शेखर
कविता क़िरदार है
कविता क़िरदार है
Satish Srijan
दुनिया देखी रिश्ते देखे, सब हैं मृगतृष्णा जैसे।
दुनिया देखी रिश्ते देखे, सब हैं मृगतृष्णा जैसे।
आर.एस. 'प्रीतम'
याद आते हैं वो
याद आते हैं वो
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
भाग दौड़ की जिंदगी में अवकाश नहीं है ,
भाग दौड़ की जिंदगी में अवकाश नहीं है ,
Seema gupta,Alwar
कभी किसी को इतनी अहमियत ना दो।
कभी किसी को इतनी अहमियत ना दो।
Annu Gurjar
जहाँ करुणा दया प्रेम
जहाँ करुणा दया प्रेम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अंदाज़े शायरी
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सरकार~
सरकार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
Shankar N aanjna
* भाव से भावित *
* भाव से भावित *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माँ!
माँ!
विमला महरिया मौज
Kalebs Banjo
Kalebs Banjo
shivanshi2011
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
"हाथों की लकीरें"
Sarthi chitrangini
"पंखों वाला घोड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
*तुम्हारा आना क्या कहना (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*तुम्हारा आना क्या कहना (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
महायज्ञ।
महायज्ञ।
Acharya Rama Nand Mandal
👗कैना👗
👗कैना👗
सुरेश अजगल्ले"इंद्र"
Loading...