Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2016 · 1 min read

रहा करते

जो लोग रहा करते सागर के किनारे है
जीते रहते वो पानी पीकर खारे है
तुम छोड़ विदेशी बस उपयोग करो देशी
गूँजे अब लोगों में केवल यह नारे है

Language: Hindi
70 Likes · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
जिंदगी बस एक सोच है।
जिंदगी बस एक सोच है।
Neeraj Agarwal
■ आज की मांग
■ आज की मांग
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-366💐
💐प्रेम कौतुक-366💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
देव शयनी एकादशी
देव शयनी एकादशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
....ऐ जिंदगी तुझे .....
....ऐ जिंदगी तुझे .....
Naushaba Suriya
कोरोना का आतंक
कोरोना का आतंक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हिन्दी दोहा - स्वागत
हिन्दी दोहा - स्वागत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चंद्रयान-२ और ३ मिशन
चंद्रयान-२ और ३ मिशन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
वापस
वापस
Harish Srivastava
भूला प्यार
भूला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कश्मीरी पंडित
कश्मीरी पंडित
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*हमें कर्तव्य के पथ पर, बढ़ाती कृष्ण की गीता (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*हमें कर्तव्य के पथ पर, बढ़ाती कृष्ण की गीता (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
भूख
भूख
नाथ सोनांचली
जिन्दगी के रंग
जिन्दगी के रंग
Santosh Shrivastava
अधूरा ज्ञान
अधूरा ज्ञान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2259.
2259.
Dr.Khedu Bharti
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद — वंश परिचय — 01
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद — वंश परिचय — 01
Kirti Aphale
सुप्रभात
सुप्रभात
Arun B Jain
नारी का अस्तित्व
नारी का अस्तित्व
रेखा कापसे
कुकुरा
कुकुरा
Sushil chauhan
Writing Challenge- वर्तमान (Present)
Writing Challenge- वर्तमान (Present)
Sahityapedia
🌿 Brain thinking ⚘️
🌿 Brain thinking ⚘️
Ms.Ankit Halke jha
कुछ बहुएँ ससुराल में
कुछ बहुएँ ससुराल में
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
बचपन
बचपन
लक्ष्मी सिंह
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
कहते हैं कि बदलते हैं लोग इस दुनिया में ।
कहते हैं कि बदलते हैं लोग इस दुनिया में ।
Annu Gurjar
संविदा की नौकरी का दर्द
संविदा की नौकरी का दर्द
आकाश महेशपुरी
कहां ज़िंदगी का
कहां ज़िंदगी का
Dr fauzia Naseem shad
खूबियाँ और खामियाँ सभी में होती हैं, पर अगर किसी को आपकी खूब
खूबियाँ और खामियाँ सभी में होती हैं, पर अगर किसी को आपकी खूब
Manisha Manjari
Loading...