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22 Aug 2021 · 1 min read

रक्षाबंधन पर्व

दिनांक २२/८/२०२१
विधा-कुंडलियाॅ छंद
भाई-बहना प्रेम का,रक्षा-बंधन पर्व।
भइया के हर बोल पर,बहना करती गर्व।
बहना करती गर्व, लुटाती जां नित अपनी।
माथे तिलक लगाय,हाथ पर बांधे रखनी।
कहै अटल कविराय,रितू सावन की आई।
वचन निभाने जाय,दौड़ घर उसके भाई।।
*रखनी-राखी*
? अटल मुरादाबादी ?

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