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24 May 2024 · 1 min read

रक्तदान पर कुंडलिया

दानी बन के नाम का,करते थे जो बात |
पंसारी का काम है , जैसे थे जज़्बात |
जैसे थे जज़्बात,चाहते दान न करिये |
छलते छलिया नित्य, बचाते इनसे रहिये |
रक्तदान का काम , सभी सूरत पहचानी |
व्यवसायी की तरह ,दान करते जो दानी |

होता है व्यापार जो, रक्त दान के नाम|
व्यवसायी बन बेचते , करें इसे बदनाम..|
करें इसे बदनाम, रक्त से रोग चुनेंगे
पंसारी का काम, चिकित्सक शीश धुनेंगे|
कहें प्रेम कविराय, अस्मिता मानो खोता|
रक्तदान बिन शुद्ध , रक्त क्या संभव होता|
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

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