Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2016 · 1 min read

रंग सारे छोड़ कर हम हंस हो गये ( गीत ) पोस्ट- २४

रंग सारे छोड़ कर हम हंस हो गये ( गीत )

रंग सारे छोड कर हम हंस हो गये ।
रंग सारे प्राप्त कर तुम श्याम हो गये ।।

आयीं भले ही ऑधियॉ, आयीं रुकावटें ,
विचलित न होकरलकिंतु हम तो रहे डँटे।
भाव के आकाश में गतिमान हो गये ,
हम प्रेम- पंख के बल अविराम हो गये ।
रंग सारे प्राप्त कर तुम श्याम हो गये ।।

श्रद्धा के माथे पर चंदन लगा दिया ,
हमने अपना अंतस दर्पन बना लिया ।
आकर मेरे समीप दिनमान हो गये
हमको देकर दर्शन अभिराम हो गये ।
रंग सारे प्राप्त कर तुम श्याम हो गये ।।

हो परम सत्य पावन , विश्वास भी तुम्हीं ,
हो ज्ञान- प्रेम भावन ,उल्लास भी तुम्हीं।
हम काम- अर्थ तज कर, निष्काम हो गये।
छवि- धाम हो गये तुम, सुख- धाम हो गये।
रंग सारे प्राप्त कर तुम श्याम हो गये ।।

—– जितेन्द्र कमल आनंद

Language: Hindi
Tag: गीत
231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
Writing Challenge- नुकसान (Loss)
Writing Challenge- नुकसान (Loss)
Sahityapedia
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
Rohit yadav
नानखटाई( बाल कविता )
नानखटाई( बाल कविता )
Ravi Prakash
बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)
बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सीमा पर हम प्रहरी बनकर अरि को मार भगाएंगे
सीमा पर हम प्रहरी बनकर अरि को मार भगाएंगे
Dr Archana Gupta
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
सत्य कुमार प्रेमी
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दीवारें खड़ी करना तो इस जहां में आसान है
दीवारें खड़ी करना तो इस जहां में आसान है
Charu Mitra
रख धैर्य, हृदय पाषाण  करो।
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
अभिनव अदम्य
याद तो हैं ना.…...
याद तो हैं ना.…...
Dr Manju Saini
हाँ मैं व्यस्त हूँ
हाँ मैं व्यस्त हूँ
Dinesh Gupta
प्रेम पथ का एक रोड़ा 🛣️🌵🌬️
प्रेम पथ का एक रोड़ा 🛣️🌵🌬️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ऐ जिंदगी तू कब तक?
ऐ जिंदगी तू कब तक?
Taj Mohammad
✍️✍️चुभन✍️✍️
✍️✍️चुभन✍️✍️
'अशांत' शेखर
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
Kanchan Khanna
यकीं करते हैं
यकीं करते हैं
Dr fauzia Naseem shad
लडकियाँ
लडकियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वापस लौट आते हैं मेरे कदम
वापस लौट आते हैं मेरे कदम
gurudeenverma198
ख्वाब
ख्वाब
Harshvardhan "आवारा"
हे मंगलमूर्ति गणेश पधारो
हे मंगलमूर्ति गणेश पधारो
VINOD KUMAR CHAUHAN
तानाशाहों का हश्र
तानाशाहों का हश्र
Shekhar Chandra Mitra
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
Dr MusafiR BaithA
जब याद मैं आऊंँ...
जब याद मैं आऊंँ...
Ranjana Verma
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह "reading between the lines" लिखा है
SHAILESH MOHAN
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
Tarang Shukla
फितरत न कभी सीखा
फितरत न कभी सीखा
Satish Srijan
【30】*!* गैया मैया कृष्ण कन्हैया *!*
【30】*!* गैया मैया कृष्ण कन्हैया *!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
■ बस, इतना कहना काफ़ी है।
■ बस, इतना कहना काफ़ी है।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...