Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2016 · 1 min read

रंगों केअर्थ बदलते है ..

रिश्तों के रंग बदलते है
कुछ गहरे कुछ फीके पड़ते है
मन की तरंगो से रिश्तों की उमंगो से
रंगो के अर्थ बदलते है ..

प्रेम की बरसात मे
भीगे से लम्हात मे
गुम होके जज्बात में
रिश्ते आसमानी हो जाते हैं
नित नये सपने सजाते हैं .
गुलाबी रंगों मे लिपट कर
सुर्ख जोड़े मे लाल हो जाते है
शर्म और हया की चादर मे सिमट जाते है

धानी धानी सी चूनर मे ..
हरी पीली सी खनक मे
मन बंसती हुआ जाता है
बिन कुछ कहे इन्द्रधनुषी सपने सजाता है
पीली सरसों सा मन मुद्रित हुआ जाता है
नये कोपल के आगमन पर
हरियाली मनाता है
चहुं ओर कलरव सजाता है

जिंदगी की सॉझ में रिश्ता सिन्दूरी हो जाता है
दिल के करीब और मन से गहरा हे जाता है
तजुर्बे जिंदगी से मन उजज्वल हुआ जाता है
श्वेत चॉदनी सा पाक और धवल हुआ जाता है
पालनहार के रंगों में रंग जाता है ..
हर रंग जीवन में नये आयाम ले आताहै

Language: Hindi
645 Views

You may also like these posts

मानव की बाधाएं
मानव की बाधाएं
Ashwini sharma
धरती के कण कण में श्री राम लिखूँ
धरती के कण कण में श्री राम लिखूँ
हरीश पटेल ' हर'
इश्क का कारोबार
इश्क का कारोबार
dr rajmati Surana
#हे राम मेरे प्राण !
#हे राम मेरे प्राण !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मैं जो कुछ हूँ, वही कुछ हूँ,जो जाहिर है, वो बातिल है
मैं जो कुछ हूँ, वही कुछ हूँ,जो जाहिर है, वो बातिल है
पूर्वार्थ
मां कात्यायिनी स्तुति
मां कात्यायिनी स्तुति
मधुसूदन गौतम
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पत्थरों  के  शहर  में  कच्चे मकान  कौन  रखता  है....*
*पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है....*
Rituraj shivem verma
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
VINOD CHAUHAN
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
Phool gufran
जिसको तेल लगाना आए
जिसको तेल लगाना आए
Manoj Shrivastava
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
"किस पर लिखूँ?"
Dr. Kishan tandon kranti
चाय
चाय
Rajeev Dutta
वो ज़माना कुछ और था जब तस्वीरों में लोग सुंदर नही थे।
वो ज़माना कुछ और था जब तस्वीरों में लोग सुंदर नही थे।
Rj Anand Prajapati
श्रृंगार
श्रृंगार
Neelam Sharma
"तुम और ख्वाब"
Lohit Tamta
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
DrLakshman Jha Parimal
सखी
सखी
आकाश महेशपुरी
एक वो ज़माना था...
एक वो ज़माना था...
Ajit Kumar "Karn"
कितनी सुहावनी शाम है।
कितनी सुहावनी शाम है।
जगदीश लववंशी
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
माँ : तेरी आंचल में.....!
माँ : तेरी आंचल में.....!
VEDANTA PATEL
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मज़हब ही है सिखाता आपस में वैर रखना
मज़हब ही है सिखाता आपस में वैर रखना
Shekhar Chandra Mitra
2925.*पूर्णिका*
2925.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आसन
आसन
ज्योति
दुबारा....
दुबारा....
Sapna K S
रतन टाटा जी
रतन टाटा जी
Paurnima Sanjay Kumbhar
Loading...