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15 May 2023 · 1 min read

ये वक्त कुछ ठहर सा गया

ये वक्त कुछ ठहरा ठहरा सा है।
न जाने किसने लिया है इसे शिकंजे में ,
कोशिश तो हमारी आखरी तक रहती है ।
उनको मनाने की
फिर क्यों हार जाती हूं हर बार
सवाल तो बस अब एक ही है
कोशिशें हैं अधूरी या ,,,,,,
नाराज़गी के सिवा कुछ ,,,,,,
और तो नहीं। ।।।

Language: Hindi
67 Views
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