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9 Feb 2022 · 1 min read

ये बारिश भी ना ……..

ये बारिश भी ना ……..
जब आती है तो
लगता है , जरूर ईश्वर ने
कहीं बेबस बादलों को रुलाया है ।
पर……….
तभी अचानक लगता है कि…….
कहीं आज बादलों को मिली तो नहीं
अपनी पहली तनख्वाह
या शायद सुनाई हो ईश्वर ने
उनको कोई खुशखबरी ………
या दिया होगा उसकी प्रेमिका ने आज
प्रथम चुम्बन उसके गाल पर
थोड़ा सा इतरा कर…….
या शायद लगी हो
चोट चलते हुए कहीं ……..
काश !! पता होता
बादल जो बरसते है
खुशी से बरसते है
या सिर्फ ……..
खुश करने के लिए बरसते है ।

दीपाली कालरा

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 301 Views
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