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23 May 2022 · 1 min read

ये नारी है नारी।

श्रृंगार भी करती है,,,
संघार भी करती है,,,
ये नारी है नारी,,,
ये विकास और विनाश,
भी करती है।।

कभी मां बनके,,,
कभी बहन,बेटी बनके,,,
जीवन में पत्नी बनके,,,
ये संवाद करती है,,,
ये नारी है नारी,,,
प्रत्येक रूप में,
ये प्यार करती है।।

कभी दुर्गा बनके,,,
कभी काली बनके,,,
कभी लक्ष्मी बनके,,,
इस धरा पर इसके
रूप है अनेक,,,
ये नारी है नारी,,,
अपने देवी रूप में,
ये सबका उद्धार करती है।।

कभी काशी,,,
कभी मथुरा,,,
कभी अयोध्या बनती है,,,
ये नारी है नारी,,,
प्रत्येक गृह में,
ये सभी धाम करती है।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

Language: Hindi
2 Likes · 6 Comments · 187 Views
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