Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Ravi Betulwala
63 Followers
Follow
Report this post
5 Sep 2024 · 1 min read
ये नामुमकिन है कि…
ये नामुमकिन है कि…
किसी महफ़िल में मेरा नाम निकले और तेरा ज़िक्र ना हो…!!
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 79 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
" गम "
Dr. Kishan tandon kranti
परीक्षाएँ आ गईं........अब समय न बिगाड़ें
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
दो सहेलियों का मनो विनोद
मधुसूदन गौतम
गुज़ारिश है रब से,
Sunil Maheshwari
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
Phool gufran
मैं तुमसे यह नहीं पूछुंगा कि------------------
gurudeenverma198
तुम भी जनता मैं भी जनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अक्का देवी
Dr.Pratibha Prakash
आप की है कोशिशें तब नाकाम होती है।
Rj Anand Prajapati
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
फेसबुक पर समस्या मूलक मित्रों की बाढ़-सी आ गयी है (जैसे यह रि
गुमनाम 'बाबा'
जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे
VINOD CHAUHAN
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
जिंदगी सभी के लिए एक खुली रंगीन किताब है
Rituraj shivem verma
फारसी के विद्वान श्री सैयद नवेद कैसर साहब से मुलाकात
Ravi Prakash
आप लिखते कमाल हैं साहिब।
सत्य कुमार प्रेमी
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
Sanjay ' शून्य'
3673.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
Shweta Soni
ढोल पीटते हो स्वांग रचाकर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वेद पुराण और ग्रंथ हमारे संस्कृत में है हर कोई पढ़ा नही पाएं
पूर्वार्थ
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
#व्यंग्यकविता-
*प्रणय*
पेपर लीक हो रहे ऐसे
Dhirendra Singh
जिस सादगी से तुमने साथ निभाया
Sonam Puneet Dubey
Loading...