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16 May 2024 · 1 min read

ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।

मुक्तक

ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सुबह तक देख लेना, कहानी और होगी।
अंधेरी रात में सबकुछ बदल जाएगा यारो,
जो देखी भूल जाओ, बतानी और होगी।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
84 Views
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