Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2022 · 1 min read

ये चुनी हुई चुप्पियां

झूठ-मूठ का खेल-तमाशा क्यों
आख़िर इतना शोर-शराबा क्यों!
मज़हब के नाम पर चारों तरफ
रात-दिन यह धूम-धड़ाका क्यों!
हमारे लेखकों और पत्रकारों ने
क्या अपने आप को बेच दिया!
मौजूदा हुक़्मरानों के कांधे पर
क़ौमी ख़्वाबों का जनाजा क्यों!
#इंसाफ #SupremeCourt #हक
#विपक्ष #Police #अन्याय #सच

Language: Hindi
1 Like · 68 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
Saraswati Bajpai
जीवन का मुस्कान
जीवन का मुस्कान
Awadhesh Kumar Singh
उम्मीद नहीं थी
उम्मीद नहीं थी
Surinder blackpen
' चाह मेँ ही राह '
' चाह मेँ ही राह '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पापा की बिटिया
पापा की बिटिया
Arti Bhadauria
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गायें गौरव गान
गायें गौरव गान
surenderpal vaidya
अच्छा लगने लगा है !!
अच्छा लगने लगा है !!
गुप्तरत्न
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ यादों की खिड़की-
■ यादों की खिड़की-
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-276💐
💐प्रेम कौतुक-276💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हमनवां जब साथ
हमनवां जब साथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Never Run
Never Run
Dr. Rajiv
आसमान में छाए बादल, हुई दिवस में रात।
आसमान में छाए बादल, हुई दिवस में रात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
मॉं करके शेर सवारी, हर दो जग के दुख भारी (भक्ति गीत)
मॉं करके शेर सवारी, हर दो जग के दुख भारी (भक्ति गीत)
Ravi Prakash
मैथिली साहित्य मे परिवर्तन से आस जागल।
मैथिली साहित्य मे परिवर्तन से आस जागल।
Acharya Rama Nand Mandal
समय देकर तो देखो
समय देकर तो देखो
Shriyansh Gupta
सभ प्रभु केऽ माया थिक...
सभ प्रभु केऽ माया थिक...
मनोज कर्ण
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
Anju ( Ojhal )
मैं जिंदगी हूं।
मैं जिंदगी हूं।
Taj Mohammad
फ़ेहरिस्त रक़ीबों की, लिखे रहते हो हाथों में,
फ़ेहरिस्त रक़ीबों की, लिखे रहते हो हाथों में,
Shreedhar
दोस्ती
दोस्ती
Shashi Dhar Kumar
🌹⚘2220.
🌹⚘2220.
Dr.Khedu Bharti
शायरी 2
शायरी 2
SURYAA
यूँ ही
यूँ ही
Satish Srijan
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में...
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में...
Vishal babu (vishu)
प्यार करो
प्यार करो
Shekhar Chandra Mitra
माँ तो पावन प्रीति है,
माँ तो पावन प्रीति है,
अभिनव अदम्य
Loading...