Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2024 · 1 min read

ये कैसी मंजिल है इश्क की…..

ये कैसी मंजिल है इश्क की…..
एक ही इन्सान क्यु
इतना मजबूर हो जाता है….
और दूसरा ज़ख्म पे ज़ख्म
दिये जाता है

39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all
You may also like:
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
9. *रोज कुछ सीख रही हूँ*
9. *रोज कुछ सीख रही हूँ*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
इश्क़ और चाय
इश्क़ और चाय
singh kunwar sarvendra vikram
फूल खिले हैं डाली-डाली,
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
जगदाधार सत्य
जगदाधार सत्य
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिंदगी बहुत आसान
जिंदगी बहुत आसान
Ranjeet kumar patre
*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद
*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
"जूते"
Dr. Kishan tandon kranti
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और कन्य
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और कन्य
Shashi kala vyas
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
टूटते सितारे से
टूटते सितारे से
हिमांशु Kulshrestha
सत्य
सत्य
Seema Garg
"मलाईदार विभागों की खुली मांग और बिना शर्त समर्थन के दावे...
*प्रणय प्रभात*
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
*सपोर्ट*
*सपोर्ट*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
4255.💐 *पूर्णिका* 💐
4255.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
Dr.Priya Soni Khare
"हादसों से हम सीखते नहीं हैं ll
पूर्वार्थ
मां तुम्हें आता है ,
मां तुम्हें आता है ,
Manju sagar
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
मैं घर आंगन की पंछी हूं
मैं घर आंगन की पंछी हूं
करन ''केसरा''
ज़िंदगी के सौदागर
ज़िंदगी के सौदागर
Shyam Sundar Subramanian
चैन से रहने का हमें
चैन से रहने का हमें
शेखर सिंह
पश्चातापों की वेदी पर
पश्चातापों की वेदी पर
Suryakant Dwivedi
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
Dr fauzia Naseem shad
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
लोग कहते हैं कि
लोग कहते हैं कि
VINOD CHAUHAN
मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
DrLakshman Jha Parimal
एक शख्स
एक शख्स
Pratibha Pandey
काश, मैं मोबाइल होता
काश, मैं मोबाइल होता
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...