Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2019 · 1 min read

ये औरतें

ये जो औरते होती है न
रो लेती है अक्सर
ये मरद नही कर सकते
ऐसा
साफ शफाक आखे ले कर
आजाती है
मुस्कुराते हुये
फिर आगन मे
फूफी मासी काकी
से बात करती
नही गिरने देती
एक भी आसू दामन पर
मरद ऐसा नही कर पाते
पता नही कैसे कर मुस्कुरा
देती है ये
भरी आखो से
Surinder kaur

Language: Hindi
Tag: कविता
346 Views
You may also like:
कठपुतली का खेल
कठपुतली का खेल
Satish Srijan
ठोकर खाया हूँ
ठोकर खाया हूँ
Anamika Singh
अज्ञात के प्रति-2
अज्ञात के प्रति-2
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
महाराणा
महाराणा
दशरथ रांकावत 'शक्ति'
*पीड़ा हिंदू को हुई ,बाँटा हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
*पीड़ा हिंदू को हुई ,बाँटा हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हर मुश्किल फिर आसां होगी।
हर मुश्किल फिर आसां होगी।
Taj Mohammad
बेटी
बेटी
Sushil chauhan
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
एक हमदर्द थी वो.........
एक हमदर्द थी वो.........
Aditya Prakash
हमारा प्यारा गणतंत्र दिवस
हमारा प्यारा गणतंत्र दिवस
Ram Krishan Rastogi
जनरल विपिन रावत
जनरल विपिन रावत
Surya Barman
हमने हिंदी को खोया है!
हमने हिंदी को खोया है!
अशांजल यादव
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आनंद में सरगम..
आनंद में सरगम..
Vijay kumar Pandey
ਮੁੰਦਰੀ ਵਿੱਚ ਨਗ ਮਾਹੀਆ।
ਮੁੰਦਰੀ ਵਿੱਚ ਨਗ ਮਾਹੀਆ।
Surinder blackpen
छोड़ दे गम, छोड़ जाने का
छोड़ दे गम, छोड़ जाने का
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हिजाब विरोधी आंदोलन
हिजाब विरोधी आंदोलन
Shekhar Chandra Mitra
तुमसे बिछड़ के दिल को ठिकाना नहीं मिला
तुमसे बिछड़ के दिल को ठिकाना नहीं मिला
Dr Archana Gupta
सूरज को ले आता कौन?
सूरज को ले आता कौन?
AJAY AMITABH SUMAN
चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका
चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
✍️माँ ✍️
✍️माँ ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
ओ साथी ओ !
ओ साथी ओ !
Buddha Prakash
वो मुझे
वो मुझे
Dr fauzia Naseem shad
मोहब्बत के वादे
मोहब्बत के वादे
Umender kumar
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
कवि दीपक बवेजा
"रंग भरी शाम"
Dr. Kishan tandon kranti
■ मुक्तक / काश...
■ मुक्तक / काश...
*Author प्रणय प्रभात*
🌹⚘2220.
🌹⚘2220.
Khedu Bharti "Satyesh"
✍️
✍️"बा" ची व्यथा✍️।
'अशांत' शेखर
रोज मरते हैं
रोज मरते हैं
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
Loading...