Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2022 · 1 min read

यूं हुस्न की नुमाइश ना करो।

यूं हुस्न की नुमाइश ना करो।
नजरे है बड़ी खराब आजमाइश ना करो।।1।।

इश्क तो होता है अपने आप।
खुदको झुकाके इश्के गुज़ारिश ना करो।।2।।

मानते है महफिल ए जान हो।
बिगड़ जायेंगें दिल यूं नवाज़िश ना करो।।3।।

नूरे कमर को भी दाग मिला है।
पास आकर यूं दिल ए पैमाइश ना करो।।4।।

बच्चा है चांद मांगता है मां से।
जो मिले ना यूं उसकी ख्वाहिश ना करो।।5।।

यूं अंजानों पे ऐतबार ना करो।
जो राज की बातें है उन्हें ज़ाहिर ना करो।।6।।

खुदा है रहमतों का मालिक।
वो है सबका इंसा से फरमाइश ना करो।।7।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

2 Likes · 2 Comments · 420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
आज कुछ ऐसा लिखो
आज कुछ ऐसा लिखो
Saraswati Bajpai
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
प्रेमदास वसु सुरेखा
नये पुराने लोगों के समिश्रण से ही एक नयी दुनियाँ की सृष्टि ह
नये पुराने लोगों के समिश्रण से ही एक नयी दुनियाँ की सृष्टि ह
DrLakshman Jha Parimal
सब्जियों पर लिखी कविता
सब्जियों पर लिखी कविता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तितली रानी (बाल कविता)
तितली रानी (बाल कविता)
Anamika Singh
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जहांँ कुछ भी नहीं दिखता ..!
जहांँ कुछ भी नहीं दिखता ..!
Ranjana Verma
कविता
कविता
Rambali Mishra
Ajj bade din bad apse bat hui
Ajj bade din bad apse bat hui
Sakshi Tripathi
गुरुवर
गुरुवर
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
-
- "इतिहास ख़ुद रचना होगा"-
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
शायद मैं गलत हूँ...
शायद मैं गलत हूँ...
मनोज कर्ण
तिरंगा
तिरंगा
Dr Archana Gupta
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
Ram Krishan Rastogi
इंतजार
इंतजार
Pratibha Pandey
मुकाम
मुकाम
Swami Ganganiya
मां
मां
Dr. Rajeev Jain
बुद्ध को है नमन
बुद्ध को है नमन
Buddha Prakash
*खिलता है जब फूल तो, करता जग रंगीन (कुंडलिया)*
*खिलता है जब फूल तो, करता जग रंगीन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कविता
कविता
Vandana Namdev
भूल ना पाऊं।
भूल ना पाऊं।
Taj Mohammad
खुद को खोने लगा जब कोई मुझ सा होने लगा।
खुद को खोने लगा जब कोई मुझ सा होने लगा।
शिव प्रताप लोधी
तुझे क्या कहूँ
तुझे क्या कहूँ
Pakhi Jain
. *विरोध*
. *विरोध*
Rashmi Sanjay
■ दिल्ली का फैक्ट*😅😅
■ दिल्ली का फैक्ट*😅😅
*Author प्रणय प्रभात*
लश्क़र देखो
लश्क़र देखो
Dr. Sunita Singh
काश मणिपुर में वे उन्हें अपनी बहन समझते
काश मणिपुर में वे उन्हें अपनी बहन समझते
राकेश कुमार राठौर
नहीं आता है
नहीं आता है
shabina. Naaz
हम कवियों की पूँजी
हम कवियों की पूँजी
आकाश महेशपुरी
सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो चली थी, साँसों में बेबसी का संगीत था, धड़कने बर्फ़ सी जमीं थी।
सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो चली थी, साँसों में बेबसी का संगीत था, धड़कने बर्फ़ सी जमीं थी।
Manisha Manjari
Loading...