Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2016 · 1 min read

यूँ रहने दो

यूँ रहने दो
✍✍✍✍✍

बादलों को यूँ ना शरमाने दो
कि चाँदनी जमीं पर उतर आए
आहिस्ता आहिस्ता फरियाद मेरी भी पहुँचने दो

चाँद लजाया हुआ है देख तेरा लावण्य
ठण्डी ठण्डी किसमयी श्वास भरता
अधरों को मेरे यूँ सटाये हुए हुए बस यूँ रहने दो

Language: Hindi
72 Likes · 346 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
कहां गया रवीश कुमार?
कहां गया रवीश कुमार?
Shekhar Chandra Mitra
" गुरु का पर, सम्मान वही है ! "
Saransh Singh 'Priyam'
तू भी तो
तू भी तो
gurudeenverma198
2491.पूर्णिका
2491.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ईश प्रार्थना
ईश प्रार्थना
Saraswati Bajpai
■ शर्म भी कर लो छुटभैयों!!
■ शर्म भी कर लो छुटभैयों!!
*Author प्रणय प्रभात*
बड़ा असंगत आजकल, जीवन का व्यापार।
बड़ा असंगत आजकल, जीवन का व्यापार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
कर पुस्तक से मित्रता,
कर पुस्तक से मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"खुदा याद आया"
Dr. Kishan tandon kranti
मन का घाट
मन का घाट
Rashmi Sanjay
What you are ashamed of
What you are ashamed of
AJAY AMITABH SUMAN
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
अनजान लड़का
अनजान लड़का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
द्रवित हृदय जो भर जाए तो, नयन सलोना रो देता है
द्रवित हृदय जो भर जाए तो, नयन सलोना रो देता है
Yogini kajol Pathak
*धूप (कुंडलिया)*
*धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सोच कर हमने
सोच कर हमने
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-479💐
💐प्रेम कौतुक-479💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD KUMAR CHAUHAN
सुकून की तलाश है
सुकून की तलाश है
Surinder blackpen
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
कवि दीपक बवेजा
Sukun-ye jung chal rhi hai,
Sukun-ye jung chal rhi hai,
Sakshi Tripathi
यह चित्र कुछ बोलता है
यह चित्र कुछ बोलता है
राकेश कुमार राठौर
तेरी सलामती।
तेरी सलामती।
Taj Mohammad
चंदा मामा बाल कविता
चंदा मामा बाल कविता
Ram Krishan Rastogi
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
कुंदन सिंह बिहारी
उनसे बिछड़ कर ना जाने फिर कहां मिले
उनसे बिछड़ कर ना जाने फिर कहां मिले
श्याम सिंह बिष्ट
रावण का प्रश्न
रावण का प्रश्न
Anamika Singh
Loading...