युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
* होती जग में शांति यदि ,होते कब हथियार {कुंडलिया}*
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
होती जग में शांति यदि ,होते कब हथियार
बम के गोलों में कहाँ ,होता खर्च अपार
होता खर्च अपार, चैन से सब जन रहते
नहीं युद्ध में लोग ,कटे पेड़ों-से ढहते
कहते रवि कविराय ,कई पीढ़ी है ढोती
त्रासद होता युद्ध ,न पूछो क्षति क्या होती
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451